भारत सरकार ने गरीब और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने के लिए राशन वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। नवंबर 2025 से लागू इस नई व्यवस्था के तहत अब पात्र परिवारों को हर तीन महीने में एक बार पूरा राशन मुफ्त दिया जाएगा। यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाने के लिए है, बल्कि भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर भी नियंत्रण करेगा। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत शुरू की गई यह व्यवस्था खाद्य सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाएगी।
अब त्रैमासिक आधार पर मिलेगा राशन
केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब राशन वितरण मासिक की बजाय त्रैमासिक (हर तीन महीने में) किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत पात्र परिवारों को एक बार में तीन महीने का राशन – गेहूं, चावल, दालें, तेल और मोटा अनाज – दिया जाएगा। इससे लोगों को बार-बार राशन केंद्र जाने की परेशानी से राहत मिलेगी। साथ ही, सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। जिन लोगों का वेरिफिकेशन पूरा नहीं होगा, उनके राशन कार्ड अस्थायी रूप से निलंबित हो सकते हैं।
“वन नेशन, वन राशन कार्ड” व्यवस्था अब पूरे देश में लागू
सरकार ने यह घोषणा की है कि अब One Nation One Ration Card योजना पूरे देश में पूरी तरह लागू हो चुकी है। इसका मतलब है कि कोई भी लाभार्थी देश के किसी भी राज्य से अपना राशन प्राप्त कर सकेगा। इससे प्रवासी मजदूरों और नौकरीपेशा परिवारों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी।
योजना की मुख्य बातें और शर्तें
नई प्रणाली 10 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो चुकी है। अब हर पात्र परिवार को एक बार में तीन महीने का राशन मिलेगा। राशन कार्ड से आधार और मोबाइल नंबर लिंक करना अनिवार्य है। जो परिवार ई-केवाईसी पूरी नहीं करेंगे, उन्हें वितरण में अस्थायी रोक का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी घोषणा की है कि हर पात्र परिवार को ₹1000 प्रति माह की आर्थिक सहायता डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए दी जाएगी।
नई प्रणाली से मिलेंगे कई बड़े फायदे
नई त्रैमासिक वितरण व्यवस्था से लोगों को अब हर महीने लाइन में लगने की झंझट से मुक्ति मिलेगी। इससे समय और यात्रा खर्च दोनों बचेंगे। राशन दुकानों पर भीड़ कम होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। ई-केवाईसी और डिजिटल वेरिफिकेशन के कारण फर्जी राशन कार्डों पर रोक लगेगी और वास्तविक लाभार्थियों को ही अनाज मिलेगा। साथ ही, सरकार ने घोषणा की है कि अब लाभार्थियों को अतिरिक्त पोषण सामग्री जैसे मोटा अनाज, दालें और तेल भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे कुपोषण और भुखमरी पर अंकुश लगेगा।
पात्रता और जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो भारत के नागरिक हैं और जिनकी वार्षिक आय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर है। परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी राशन कार्ड में सही दर्ज होनी चाहिए। योजना के लिए जरूरी दस्तावेज हैं – आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता विवरण (DBT हेतु) और मोबाइल नंबर (OTP सत्यापन के लिए)। सरकार ने लाभार्थियों को सलाह दी है कि वे अपने सभी दस्तावेज़ अपडेट रखकर समय पर ई-केवाईसी पूरी करें।
नई डिजिटल प्रणाली की विशेषताएं
नई व्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अब कोई भी लाभार्थी देश के किसी भी कोने से राशन ले सकता है। सभी उचित मूल्य की दुकानों पर अब डिजिटल पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनें लगाई गई हैं, जिनसे रियल-टाइम डेटा सीधे सरकारी सर्वर पर जाएगा। अब सरकारी राशन दुकानें सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेंगी, ताकि सभी पात्र परिवार आसानी से अपना राशन प्राप्त कर सकें।
ई-केवाईसी प्रक्रिया ऐसे करें पूरी
अपने राज्य की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
“Ration Card e-KYC” या “Online Verification” विकल्प चुनें।
राशन कार्ड और आधार नंबर दर्ज करें।
मोबाइल पर भेजे गए OTP से प्रक्रिया पूरी करें।
सफल सत्यापन के बाद आपका कार्ड पुनः सक्रिय हो जाएगा।
सरकार ने सभी लाभार्थियों से अपील की है कि वे समय पर ई-केवाईसी पूरा करें, ताकि अगले वितरण में उन्हें किसी भी प्रकार की बाधा न हो।
सरकार का उद्देश्य और प्रभाव
सरकार का मुख्य लक्ष्य है कि देश का कोई भी नागरिक भूखा न सोए। “हर गरीब तक अन्न” पहुंचाने के उद्देश्य से यह सुधार खाद्य सुरक्षा अधिनियम को और प्रभावी बनाएगा। नई प्रणाली से प्रशासनिक खर्च घटेगा, वितरण में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। यह सुधार “भूख मुक्त भारत” के विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।
निष्कर्ष – हर गरीब तक अन्न पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम
भारत सरकार की यह नई त्रैमासिक राशन व्यवस्था गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए राहत का बड़ा कदम है। अब लाभार्थियों को न केवल तीन महीने का राशन एक साथ मिलेगा, बल्कि DBT और डिजिटल वेरिफिकेशन के जरिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी भी बनेगी। यह बदलाव न सिर्फ “One Nation One Ration Card” के उद्देश्य को मजबूत करेगा, बल्कि देश को भूख-मुक्त भारत की दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य करेगा।

