राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र परिवारों के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। जिन अपात्र लोगों ने अब तक योजना से अपना नाम नहीं हटवाया है, उनके पास अब केवल 31 अक्टूबर तक का मौका बचा है। इसके बाद विभाग ऐसे सभी लोगों से 30.57 रुपये प्रति किलो गेहूं के हिसाब से वसूली करेगा।
गिव अप अभियान का अंतिम चरण जारी
जिले में चल रहा “गिव अप अभियान” अपने अंतिम चरण में है। विभाग ने बताया कि अब तक 1.40 लाख अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाए जा चुके हैं। वहीं, 31 अक्टूबर तक यह अभियान जारी रहेगा, जिसके बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य है – अपात्र लोगों को हटाकर असली जरूरतमंदों तक खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पहुंचाना।
अब तक 2 लाख नए लाभार्थी जुड़े
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक जिले में 2 लाख नए पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा सूची में जोड़ा गया है। इनमें वे परिवार शामिल हैं जो अब तक योजना से वंचित थे। मृतक, स्थानांतरित या आधार सीडिंग न कराने वाले पुराने अपात्र परिवारों के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं।
विभाग ने भेजे नोटिस, 31 के बाद होगी सख्त कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपात्र परिवारों को 560 से अधिक नोटिस भेजे हैं। नोटिस मिलने के बाद भी यदि किसी ने अपना नाम नहीं हटवाया, तो 31 अक्टूबर के बाद उनसे अनुदान की रकम वसूली की जाएगी। विभाग ने साफ किया है कि इस प्रक्रिया में कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
अपात्रों की जांच जारी, हज़ारों पर लटक सकती है वसूली की तलवार
फिलहाल विभाग 4000 से अधिक मामलों की जांच पूरी कर चुका है, जबकि करीब 7000 मामलों की जांच अभी लंबित है। इनमें ऐसे परिवार शामिल हैं जिनके पास फॉर्म, वाहन या अन्य संपत्तियाँ हैं। अगर ये अपात्र पाए गए, तो इन्हें भी वसूली का सामना करना पड़ेगा।
31 अक्टूबर के बाद नहीं मिलेगी राहत
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर के बाद किसी भी अपात्र परिवार को राहत नहीं दी जाएगी। जिन्होंने अब तक “गिव अप अभियान” के तहत अपना नाम नहीं हटवाया है, उन्हें वसूली और कानूनी कार्रवाई दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि अब खाद्य सुरक्षा योजना केवल वास्तविक गरीब परिवारों तक सीमित रहेगी। यदि आप इस योजना के लाभार्थी हैं और आपका नाम गलती से सूची में है, तो 31 अक्टूबर से पहले नाम हटवाना बेहद जरूरी है, वरना 30.57 रुपये प्रति किलो गेहूं की दर से राशि की वसूली तय है।

