हरियाणा की महिलाओं के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तीज उत्सव के अवसर पर ‘लाडो सखी योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को व्यक्तिगत सहायता, देखभाल और सहयोग प्रदान करना है। साथ ही, बेटी के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ₹1,000 की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।
हर गर्भवती महिला को मिलेगी ‘लाडो सखी’ की सहायता
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि हर गर्भवती महिला के साथ एक ‘लाडो सखी’ जोड़ी जाएगी, जो गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक उसकी देखभाल करेगी। ये लाडो सखियां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर और सहायक नर्स दाई (ANM) में से चुनी जाएंगी। सरकार का कहना है कि यह पहल महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व का अनुभव देने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
बेटी के जन्म पर ₹1,000 का प्रोत्साहन
हरियाणा सरकार ने इस योजना के तहत यह भी तय किया है कि हर बेटी के जन्म पर नामित लाडो सखी को ₹1,000 की राशि दी जाएगी। इससे न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि ‘बेटी जन्म’ के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित होगा।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को मिलेगा नया बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में हरियाणा का लिंगानुपात 871 था, जो अब बढ़कर 906 तक पहुंच गया है। उन्होंने इसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की बड़ी उपलब्धि बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘लाडो सखी योजना’ इस अभियान को और मजबूती देगी और राज्य में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाएगी।
महिलाओं के लिए शुरू हुए 131 संस्कृति केंद्र
तीज समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यभर में 131 महिला संस्कृति केंद्रों का उद्घाटन किया। इन केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को गायन, नृत्य और भक्ति कार्यक्रमों जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही, आंगनवाड़ियों में ‘बढ़ते कदम: डिजिटल बाल कार्यक्रम’ की भी शुरुआत की गई है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
‘लाडो सखी योजना’ केवल स्वास्थ्य और गर्भावस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण, सामाजिक भागीदारी और बेटियों के सम्मान को बढ़ावा देने की दिशा में भी बड़ा कदम है। इस योजना से न सिर्फ महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि हरियाणा समाज में बेटी के जन्म का स्वागत संस्कृति का हिस्सा बनेगा।

