भारत सरकार ने 2025 में राशन वितरण प्रणाली को और पारदर्शी व डिजिटल बनाने के लिए नया नियम लागू किया है। इस नियम के तहत अब किसी भी परिवार को बिना ई-केवाईसी (e-KYC) कराए सरकारी राशन नहीं मिलेगा। सरकार का उद्देश्य है कि सब्सिडी वाला अनाज केवल वास्तविक पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे और राशन वितरण में भ्रष्टाचार पर पूरी तरह रोक लगे।
राशन वितरण प्रणाली में हुआ बड़ा डिजिटल परिवर्तन
नई व्यवस्था के तहत सरकार ने पुराने ई-केवाईसी रिकॉर्ड को निरस्त कर दिया है ताकि सभी लाभार्थियों की जानकारी नए सिरे से अपडेट हो सके। अब हर परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड वैध और अद्यतन होना जरूरी है। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल मोड में होगी, जिसमें बायोमेट्रिक सत्यापन की सुविधा भी शामिल की गई है, ताकि फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके।
‘गिव-अप योजना’ से हटे अपात्र परिवार, बढ़े वास्तविक लाभार्थी
सरकार ने “गिव अप योजना” की शुरुआत कर उन लोगों से अपील की जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं कि वे स्वेच्छा से अपना राशन कार्ड surrender करें। इस सूची में चार पहिया वाहन मालिक, आयकर दाता और उच्च आय वर्ग के लोग शामिल थे। फर्जी दस्तावेज़ों पर राशन लेने वालों को बाजार मूल्य पर अनाज का भुगतान करना अनिवार्य किया गया। इस पहल के बाद लाखों अपात्र लोगों ने अपना नाम सूची से हटाया, जिससे गरीब व जरूरतमंद परिवारों तक राशन की पहुंच आसान हुई।
सभी कार्डधारकों के लिए अनिवार्य ई-केवाईसी प्रक्रिया शुरू
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब प्रत्येक राशन कार्डधारक को ई-केवाईसी कराना जरूरी होगा। इसके लिए परिवार के हर सदस्य का आधार कार्ड लिंक और वैध होना आवश्यक है। लाभार्थी यह प्रक्रिया ऑनलाइन या नजदीकी राशन कार्यालय तथा CSC सेंटर के माध्यम से पूरी कर सकते हैं। यदि किसी परिवार की ई-केवाईसी अधूरी या गलत पाई जाती है तो उनका राशन वितरण अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा।
पात्र परिवारों को मिली राहत, फिर से मिल सकेगा राशन लाभ
सरकार ने उन परिवारों के लिए राहत का रास्ता भी खोला है जिन्होंने गलती से या भयवश “गिव अप” अभियान के दौरान अपना नाम हटा लिया था। ऐसे परिवार अपनी पात्रता के दस्तावेज़ दोबारा जमा कर योजना में शामिल हो सकते हैं। अब लाभार्थियों की संख्या घटने से योग्य परिवारों को पहले से अधिक मात्रा में राशन मिलने की संभावना है।
नियम तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कोई परिवार गलत दस्तावेजों के आधार पर राशन लेता पाया गया, तो उसे प्राप्त अनाज का पूरा बाजार मूल्य चुकाना होगा। वर्तमान में गेहूं का बाजार मूल्य ₹27 प्रति किलो तय किया गया है। साथ ही, राशन दुकानदारों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि केवल वैध कार्डधारकों को ही सरकारी अनाज उपलब्ध कराया जाए।
निष्कर्ष
ई-केवाईसी आधारित नई व्यवस्था से राशन वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और निष्पक्ष बनेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकार की सब्सिडी केवल वास्तविक हकदारों तक पहुंचे और गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा मजबूत हो। डिजिटल सत्यापन के इस कदम से जनता का सरकार की योजनाओं पर भरोसा और भी बढ़ेगा।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल जनजागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। राशन कार्ड, ई-केवाईसी प्रक्रिया या पात्रता से संबंधित नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी राशन कार्यालय या राज्य की सरकारी वेबसाइट पर संपर्क करें।

